
Cricket History
दोस्तों cricket भारत में सबसे ज्यादा देखे और खेले जाने वाला मनपसंद खेल माना जाता है। cricket भारत में हर राज्य के जिला स्तरीय और गांव-गांव में इस खेल को खेला जाता है। भारतीय cricket टीम ने साल 1983 में हो रही खेल प्रतियोगिता में पहला विश्व कप जीता था। इसके बाद सबका रुझान cricket की तरफ ज्यादा होने लगा और हर कोई अपने आप को एक क्रिकेटर के रूप में देखने लगा। लेकिन क्या आप जानते है cricket history क्या है। अगर आप नहीं जानते तो आज के अपने इस आर्टिकल में आपको इसी से संबधित सभी जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे। अगर आप भी भारतीय cricket history के बारे में सम्पूर्ण जानकारीयाँ हासिल करना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिये काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े
भारतीय क्लब का पहला विदेशी दौरा
आपकी जानकरी के लिये हम आपको बता दें की पारसी लोगों के माध्यम से साल 1848 में पहला cricket क्लब एसोसिएशन का गठजोड़ हुआ था। जिसका नाम “ओरिएंटल cricket क्लब” रखा गया था। इसे भारत का पहला cricketक्लब कहा जा सकता है। साल 1877 तक इसcricket क्लब में गिने-चुने मैच हुआ करते थे। क्योंकि उस समय cricket सिर्फ इंग्लैंड में ही खेली जाती थी। इसके बाद साल 1877 में पारसी क्लब और यूरोपीय क्लब के बीच मैच हुआ। जिसमें यूरोपियन क्लब को हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद पारसी क्लब ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जाने का रुख अपनाया। इसी दौरान पारसी क्लब और इंग्लैंड के बीच हुए 28 मैचों में से पारसी क्लब ने सिर्फ एक मैच ही जीता था। यहीं से भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई थी। फिर 2 साल कड़ी मेहनत के बाद 8 मैच की प्रतोगिता में पारसी क्लब ने जीत का परचम लहराया। इसी प्रतियोगिता में 170 विकेट लेने वाले मेहलासा पावरी गेंदबाज थे। यही वह दौर था जब भारतीय टीम ने अपने अस्तित्व को पाना शुरू किया था।

इंग्लैंड के क्लब ने पहली बार किया भारत का दौरा
साल 1889 में भारत का दौरा करने आई इंग्लैंड की शौकिया टीम का मुकाबला पारसी क्लब के साथ हुआ। इन दोनों के बीच में 20 मैच खेले गये थे। जिनमें इंग्लैंड शौकिया टीम ने 18 मैचों में जीत हासिल की थी। इस तरह इनमें बहुत से मैच हुए फिर साल 1895 मे भारत में पहली बार “प्रेसिडेंट सीरीज” का आयोजन हुआ था। जिसमें यूरोपियनस और पारसी क्लब टीमें शामिल हुई। इसके बाद साल 1864 की बात करें तो कोलकाता और मद्रास में पहली खेल प्रतियोगिता हुई थी। जिसमें प्रवीण शर्मा को मैन ऑफ द मैच चुना गया था और बेस्ट फील्डर का खिताब अश्विनी शर्मा के नाम रहा था। यह दोनों ही हरियाणा के पानीपत के रहने वाले थे।
यहां तक हम भारतीय cricket क्लब की बात करें तो भारत में धार्मिक आधार पर टीमें बनाई गई थी। जिनमें हिंदू क्लब, मुस्लिम क्लब, ईसाई क्लब, यूरोपियन क्लब और पारसी क्लब यह पांच टीमें हुआ करती थी। साल 1907 में खेल प्रतियोगिता में 3 टीमों ने हिस्सा लिया था। जिनमें से यूरोपियन क्लब, पारसी क्लब और हिंदू क्लब शामिल थी। इस प्रकार बाद में मुसलमानों ने साल 1907 में “मोहम्मडंस” नाम क्लब की स्थापना की और ईसाइयों ने यहूदियों के साथ मिलकर साल 1937 मे “द रेस्ट” नामक क्लब की स्थापना की थी। इसके बाद होने वाले खेल प्रतियोगिता में ये 5 टीमें मिलकर हिस्सा लेने लगी।
भारतीय टीम को टैस्ट टीम का मिला दर्जा
दोस्तों साल 1926 में भारतीय cricket टीम का राष्ट्रीय एकीकरण हुआ और भारतीय टीम कोcricket काउंसलिंग का सदस्य बनाया गया। इसके बाद 25 जून 1932 में लॉर्ड्स नामक जगह पर राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला मैच इंग्लैंड के विरुद्ध खेला था। सी.के.नायडू भारतीय cricket टीम के पहले कप्तान चुने गए थे। सी.के.नायडू के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भारतीय cricket टीम को इंग्लैंड ने 158 रनों से हराया था। इसके बाद साल 1933 में भारत में घरेलू सीरीज की प्रतियोगिता रखी गई थी। यह दो मैचों की सीरीज थी। जिसमें इंग्लैंड की टीम को भी न्योता दिया गया था।
इस सीरीज का पहला मैच मुंबई में और दूसरा मैच कोलकाता में खेला गया था। इस सीरीज में इंग्लैंड ने भारत को हराया और 2-0 से सीरीज अपने नाम की थी। भारतीय cricket टीम ने साल 1930 और साल 1940 के दौर में भारतीय cricket टीम ने बहुत ही संघर्ष किया था। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के अंतर्गत भारतीय cricket टीम ने किसी भी तरह की टेस्ट सीरीज में हिस्सा नहीं लिया था। फिर साल 1947 के बाद भारत आजाद हुआ। फिर भारत मे सर्वप्रथम टेस्ट सीरीज की प्रतियोगिता रखी गई थी। इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मैच हुआ जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
साल 1947 के बाद भारत में 24 टेस्ट मैच में हुए थे। इस दौरान साल 1952 में भारतीय cricket टीम ने इंग्लैंड को मद्रास में हराकर जीत हासिल की थी। इसी साल के अंत में भारतीय cricket टीम ने पाकिस्तान को हराकर जीत का रिकॉर्ड बनाया था। उसके बाद भारतीय cricket टीम ने अपने खेल में निखार करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया और साल 1956 में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत हासिल की थी।

BCCI का गठन कैसे हुआ
साल 1928 दिसंबर तक भारतीय cricket का संचालन करने के लिए किसी भी तरह की कोई भी कमेटी नहीं बनी हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय cricket नियंत्रण बोर्ड का गठजोड़ किया गया। जिसे शॉर्ट फॉर्म में BCCI भी कहते हैं।
Conclusion
तो दोस्तों ये थी जानकारी “cricket history” के बारे में। भारत का cricket history से संबधित सभी जानकारी हमने आपको इस पोस्ट में बताने की कोशिश की है। उम्मीद करता हूँ आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आयी होंगी। अगर आपके मन में “cricket history” से संबधित कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये और यदि खेल से जुडी और कोई जानकारी हमसे चाहते है तो भी आप हमें कमैंट्स कर सकते है। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद